मां गंगा में डुबकी लगा हुए सभी एकरस
अर्धकुंभ नगरी (हरिद्वार)। अर्धकुंभ के दूसरे स्नान और सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ सोमवती अमावस को गंगा में डुबकी लगाकर बीती रात से ही लौटने लगी थी। जितने लोग वापस जा रहे थे, उतने ही आ रहे थे।
यह था नजारा रविवार की रात 12 बजे से लेकर सोमवार शाम तक हरिद्वार अर्धकुंभ का। अलग-अलग संप्रदायों के लोग तरह-तरह के तिलक लगाए और वेशभूषा धारण किए इस अर्धकुंभ स्नान का पुण्य लाभ कमाने मां गंगा की शरण में पहुंचे थे। जिसने भी डुबकी लगाई, जब वह बाहर निकला तो एकरस सा हो गया था। न कोई तिलक, न त्रिपुंड और न कोई खास वेशभूषा। सब एक से नजर आ रहे थे। यही तो है मां गंगा, जो भी श्रद्धा से उसकी शरण में आता है, सब पापों को धोकर एक समान कर देती है। स्नानार्थी बहुत सारे चक्रव्यूह से गुजरते हुए हरकी पैड़ी तक पहुंचे।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश तक कहीं ऐसी जगह नजर नहीं आ रही थी, जहां श्रद्धालुओं की भीड़ मां गंगा की गोद में स्नान न कर रही हो। देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं ने जहां पवित्र गंगा में डुबकी लगाई. सभी घाटों पर हर हर गंगे के जयघोस सुनाई दे रहे थे, जिसे सुनकर मन मे एक अलग ही सुकून मिल रहा था.
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